logo

रिम्स में भर्ती मरीजों के परिजनों का दर्द, बेड के लिए देने पड़ते हैं 1000-2000 रूपए; स्वास्थ्य मंत्री ने वार्ड का किया था निरीक्षण 

rr1.jpg

द फॉलोअप डेस्क
राजधानी रांची के रिम्स का शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रिम्स के विभिन्न विभागों में राउंड भी लिया। लेकिन डॉ इरफान अंसारी के निरीक्षण के बाद ही रिम्स का हाल दोबारा पहले जैसा बेहाल हो गया। बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री ने सेंट्रल इमरजेंसी फर्स्ट फ्लोर के जिस वार्ड में राउंड लिया, वहां भर्ती लगभग सभी मरीजों के परिजनों ने मीडिया के साथ अपना दर्द बांटा। 

एक सांस की बीमारी से पीड़ित मरीज पायल ने सरकार की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मैं दो दिन तक इमरजेंसी में तड़प रही थी। मुझे सांस की परेशानी थी, लग रहा था जान निकल जाएगी। ऐसे में पायल को इमरजेंसी से फर्स्ट फ्लोर में शिफ्ट किया गया। लेकिन यहां बेड होने के बावजूद उन्हें बेड नहीं दिया गया। पायल ने बताया कि बेड लेने के बदले उनसे पैसे मांगे गए। उन्हें बेड के लिए 1000 रुपए देने पड़े, जिसके बाद उनका इलाज शुरू हुआ।

बता दें कि इसी वार्ड में भर्ती मोइनुद्दीन अंसारी की पत्नी ने बताया कि खांसी की परेशानी के बाद उन्हें पति को रिम्स में भर्ती करना पड़ा। इस दौरान उन्हें फर्स्ट फ्लोर भेजा गया, तो वहां दो बेड खाली थे। लेकिन मुझे बेड उपलब्ध नहीं होने की जानकारी दी गई। इसी बीच एक स्टाफ ने आकर मुझसे बेड के लिए 2000 रुपए मांगे। मरीज की स्थिति गंभीर होने के कारण पैसे देने पड़े। अंसारी की पत्नी ने कहा कि पैसे देने के 5 मिनट के अंदर ही उन्हें बेड मिल गया। आगे उन्होंने बताया कि उनके पति मोइनुद्दीन अंसारी करीब 15 दिनों से रिम्स में इलाजरत हैं। ऐसे में हर दिन उन्हें करीब 600 से 700 रुपए की दवा खरीदकर बाहर से लानी पड़ती है। क्योंकि रिम्स में केवल गिनी-चुनी दवाएं ही मिलती हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री इस वार्ड में आए थे, लेकिन डॉक्टरों ने हमें उनके सामने मुंह बंद रखने को कहा था।मंत्री के आने से पहले दी नई बेडशीट और कंबल, 24 घंटे बाद ही हटा लिया 
बता दें कि भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार को मंत्री डॉ इरफान अंसारी के रिम्स आने से महज एक घंटा पहले ही इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को नई बेडशीट और कंबल दिए गए थे। ताकि स्वास्थ्य मंत्री को गंदगी न दिख सके। लेकिन मंत्री के निरीक्षण के केवल 24 घंटे बाद ही दिए गए नये कंबल और चादर वहां से गायब दिखे।

व्यवस्थित तरीके से सजी हुई थी स्ट्रेचर, 24 घंटे बाद वही जगह खाली खाली दिखी
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री के रिम्स पहुंचने से पहले ही इमरजेंसी के बाहर करीब आधा दर्जन स्ट्रेचर को सजाकर रख दिया गया। इस दौरान जैसे ही मरीज इमरजेंसी पहुंच रहे थे, उन्हें स्ट्रेचर से अंदर शिफ्ट कराया जा रहा था। लेकिन 24 घंटे बीतते ही दोबारा उस जगह से स्ट्रेचर-ट्रॉली गायब हो गयी। 
बताया गया कि स्वास्थ्य मंत्री के आने के कुछ समय पहले से डॉक्टर और रिम्स प्रबंधन पूरी तरह एक्टिव था। इस दौरान इमरजेंसी के बाहर जैसे ही एंबुलेंस पहुंच रही थी, डॉक्टर खुद मरीज को इमरजेंसी में शिफ्ट करा रहे थे। लेकिन शनिवार को यह नजारा बदल गया इमरजेंसी के बाहर 30-30 मिनट से अधिक समय तक मरीज एंबुलेंस में पड़े रहे।

अल्ट्रासाउंड के लिए  करना होगा 3 जनवरी तक इंतजार
रिम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती हजारीबाग की मरीज अनीता कुमारी को किडनी में सूजन और फेफड़े में पानी भरा होने की शिकायत है। वह पिछले 8 दिनों से रिम्स में भर्ती है। अनीता असहनीय दर्द से परेशान है, इस कारण उन्हें डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा है। लेकिन अनीता की मां सारो देवी ने बताया कि अस्पताल ने उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने के लिए 3 जनवरी का नंबर दिया है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड के पहले इतने दिन मरीज की स्थिति कैसी होगी, यह सोचने का विषय है। इसका कारण है कि समय पर जांच नहीं होने पर डॉक्टर मरीज को दवा किस आधार पर देंगे। मीडिया से बातचीत में सारो देवी ने यह भी बताया कि दवा लाते- लाते उनके पैसे भी खत्म हो गए हैं। क्योंकि वो हर दिन बाहर से दवा मंगा रहे हैं।

Tags - RIMS Health Minister Dr. Irfan Ansari Health News Jharkhand News